रामायण की सर्वश्रेष्ठ 15 चौपाई

 यहां रामायण महाकाव्य से प्रस्तुत 15 सर्वश्रेष्ठ चौपाइयाँ हैं:


1. जनक सुता बिभीषण माना। राम जसु जीवन रघुवर ध्याना॥

2. बाल समय रवि भक्षि लियो तब, सुरचिर भारी प्रकाश दियो तब॥

3. जानत जनम अनल समाना। बरनि बिनु जोबन प्रान अपाना॥

4. अठों सिद्धि नव निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता॥

5. राम बिना कोउ आन नहीं। बाला जनम सकल जग जहाँ नहीं॥

6. जीवन के अधर सोइ पयासा। राम रसायन नाम जो दासा॥

7. राम संकट मोचन बिना कोई। राम भजन बिनु जग दुखाई॥

8. तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना॥

9. सुकदायक जो अति चतुर साना। काज सकल मोहि जगराज जाना॥

10. राम नाम जपत निरंतर। अन्त काल रघुवर पुर जाईं॥

11. रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥

12. जानत सकल बद्ध के भंजन। तुम्हें जनक पार बरनि सिंधु अनाथ॥

13. राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के द


ासा॥

14. तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥

15. राम नाम लौंग गौरीसा। तुम रच्छक काहू को डर ना॥


ये चौपाइयाँ रामायण महाकाव्य के मध्य से चुनी गईं हैं और इसका पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। ये चौपाइयाँ भगवान श्रीराम की महिमा, गुणों और करुणा को व्यक्त करती हैं।

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